Sunday, November 17, 2013

हाइकु/तांका

  (१)
कौन है जिंदा     
शहर कब्रस्तान 
दफ़न ख़्वाब.

 (२)
ख्वाबों की लाश      
कन्धों पर ढो रहा
जिंदा है कैसे?

  (३)
मन का पंछी    
बेचैन उड़ने को 
घायल पंख.

  (४)
मन का पंछी           
बंधा रिश्ते डोर में
तोड़ न पाए.

  (५)
आत्मा है पंछी         
कब है बाँध पाया
शरीर इसे.

  (६)
क्या है तुम्हारा       
किस पर गुमान
छोड़ जाना है.

  (७)
बांटते जाना        
अंतर्मन से प्यार
असली खुशी.

  (८)
जीना ज़िंदगी      
टुकड़ों टुकड़ों में
मुश्किल होता. 

  (९)   
सुनेगा कौन          
अहसास दिल के
मुर्दों के बीच
इंसान नहीं जिंदा
हैवानों का है राज.

  (१०)
राह के कांटे          
चुनते चलो तुम
होगा आसान
पीछे आने वालों को
राहों पर चलना.

.....कैलाश शर्मा 

31 comments:

  1. दार्शनिक टच लिए हैं आज के हाइकू .. लाजवाब ...

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  2. हालात और विडम्‍बनाओं का मार्मिक चित्रण है इन पंक्तियों में। खासकर आखिरी वाली पंक्तियां तो अनुकरणीय हैं।

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  3. सटीक रचनाएँ ....बहुत बढ़िया आदरणीय कैलाश जी

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  4. यथार्थ की दृष्टि से आप्लावित हाईकू

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  5. आदरणीय सर , हाइकू के विषय पे मुझे कुछ ख़ास जानकारी नहीं हैं , परन्तु आत्मबोध के कारण मुझे ये समझने मेें परेशानी नहीं हो रही है , कहने का तात्पर्य यह हैं कि जो भी आपने लिखा है वो हम सबके काम का हैं , ज़रूरत है तो सिर्फ ध्यान देने की , बहुत बहुत धन्यवाद
    नया प्रकाशन --: प्रश्न ? उत्तर -- भाग - ६

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  6. बहुत सुंदर.एंव बहुत बढ़िया आदरणीय कैलाश जी।

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  7. सुन्दर हैकु

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  8. लाजवाब हाइकू ..

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  9. सार्थक भाव लिए हाईकू
    बहुत बेहतरीन...
    :-)

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  10. सभी हाइकु और ताँका उत्कृष्ट है. हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  11. (५)
    आत्मा है पंछी
    कब है बाँध पाया
    शरीर इसे.

    सुन्दर सारे हाइकु सब में सार समाना है।

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  12. बहुत सुंदर भाव बोध देते हाइकु !

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  13. अद्धभुत उम्दा अभिव्यक्ति
    हाइकू .. लाजवाब ....
    सादर

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  14. अनमोल सीख देते बहुत ही सुंदर हाईकू ! सभी सार्थक, सशक्त एवँ भावपूर्ण !

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  15. एक से बढ़कर एक। …… बेहतरीन

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  16. वाह सभी के सभी सुन्दर |

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  17. कुछ कहते ,बहुत कुछ समझाते आपके हाइकु........

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  18. गहन भाव युक्त .... सुन्दर हाइकू … आभार

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  19. बहुत ही गहन भाव की प्रस्तुति !!

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  20. lovely haikus..
    sense of altruism at the concluding verse was very inspirational !!

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  21. सच! बड़ा मनभावन है हाइकू ...

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  22. बहुत ही सारगर्भित हाइकू, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  23. प्रणाम सरजी.. !
    एक से एक गहरे सागर भरे हैं इन गागरों में.. !
    वाह !

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  24. सार्थक हाइकू और तांका रचनाएँ

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